tag:blogger.com,1999:blog-34293046655666252542024-03-13T04:24:30.502-07:00राजस्व मंडल अजमेरराजस्व मंडल अजमेरhttp://www.blogger.com/profile/03438554884994995461noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3429304665566625254.post-28598495627184361892011-03-08T07:34:00.000-08:002011-03-08T07:34:30.382-08:00क्या आप इन प्रार्थना पत्रों पर कुछ टिप्पणी करेंगें ?<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">कोर्ट फीस एक रुपया टिकिट <br />
<br />
न्यायालय उपखंड अधिकारी जमवारामगढ़ <br />
राजेंद्र कुमार पारीक बनाम सुशीला देवी व अन्य <br />
प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा १५१ सी. पी. सी. व २१२ आर. टी. ए.<br />
<br />
आगामी ता० २७-३-११<br />
मान्यवर महोदय ,<br />
प्रार्थी की ओर से निम्न प्रार्थनापत्र सेवार्पित है .<br />
<br />
यह क़ि प्रार्थी को बताया गया क़ि न्यायालय के आदेश की पालना के क्रम में तहसील व पुलिस थाना जमवारामगढ़ को लिखा गया है परन्तु अप्रर्थी गण आज भी अवैध निर्माण कार्य जारी रखे हुए है l <br />
<br />
यह क़ि न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करने वालों के विरुद्ध प्रार्थी ने जितने भी प्रार्थनापत्र पेश किये वे सभी फाइल करवा दिये उन पर कोई कार्यवाही होती तो इसप्रकार न्यायालय के आदेशों की धज्जियाँ नहीं उड़ रही होती l <br />
<br />
यह है कि प्रार्थी के पक्ष में जो आदेश दिया उसकी पालना नहीं करवाने वाले अधिकारियों के विरुद्ध आवश्यक अवमानना की कार्यवाही करवाना आवश्यक हो गया है l<br />
अतः यह प्रार्थनापत्र देश कर निवेदन है कि अवैध निर्माणों को तुरंन्त रुकवाने ,व अधीनस्थ अधिकारियों जिन्होंने 'अवमानना में सहयोग किया' के विरुद्ध यथोचित शीघ्र कार्यवाही के आदेश जारी करें l <br />
23-2-2011 <br />
प्रार्थी <br />
ह ० <br />
राजेंद्र कुमार पारीक <br />
<br />
नोट :-- प्रार्थी द्वारा यह जानने के लिए कि राजस्व मंडल और जिला कलक्टर जयपुर के यहाँ न्यायालय के आदेशों की पालना के क्रम में किये गए प्रयासों में क्या कोई कार्यवाही हुई ? प्रार्थी द्वारा जयपुर से फोन पर उपखंड अधिकारी जमवारामगढ़ के पी ए साहब श्री जीतेन्द्र जी से बात करने के बाद जब रामगढ पंहुचा तो माननीय उपखंड अधिकारी महोदय वहाँ मौजूद नहीं होने के कारण एक प्रार्थनापत्र वहीँ लिख कर पी .ए .साहब श्री जीतेन्द्र जी को पेश किया जिस पर उन्होंने हस्ताक्षर देने से मना कर दिया <br />
आज पुनः प्रार्थी पहले जमवा रामगढ फोन पर समय ले कर गया परन्तु साहब नहीं मिले प्रार्थना पत्र के बारे में मालूम किया तो श्री जीतेन्द्र जी ने मूल प्रार्थना पत्र यह कहते हुए लोटा दिया कि साहब ने इस पर कुछ भी मार्क नहीं किया इसीलिए यह मेल द्वारा यह प्रार्थना पत्र आवश्यक कार्यवाही करने हेतु भेज रहा हूँ l <br />
दूसरी ओर आपको आत्म चिंतन करना चाहिए इस प्रकार कि घटनाएँ आखिर क्यों होती है ? प्रशासन क़ा उद्देश्य क्या है ? ............<br />
<br />
<br />
<br />
सेवामें ,<br />
श्रीमान अध्यक्ष महोदया<br />
राजस्व मंडल अजमेर <br />
विषय :-- न्यायालय के आदेशों की पालना के क्रम में <br />
महोदया <br />
विनम्र निवेदन है कि प्रार्थी क़ा वाद अंतर्गत धारा २१२ व ९२ ए में उपखंड अधिकारी जमवारामगढ़ में विचाराधीन है प्रार्थी के प्रकरण में अंतरिम स्टे की पालना के लिए एस डी ओ जमवारामगढ़ ने यह कहते हुए मना किया किचुकि "स्टे आर. ए. ए. क़ा है अंतरिम स्टे की पालना उन्हीं से करावे "<br />
प्रार्थी दिनांक १०/११.२०१० से आज तक स्टे की पालना करवाने के लिए भटक रहा है <br />
माननीय आर ए ए, कलक्टर, एस डी ओ साहब स्टे की पालना हेतु एक दुसरे पर टाल देते है प्रार्थी के प्रकरण में चुकि 'न्यायालय की अवमानना 'हो और अवमानना के लिए कई पहुचे वाले लोगों क़ा हाथ है <br />
अतः प्रार्थी आपके समक्ष प्रार्थना पत्र पेश कर निवेदन कर रहा है कि स्टे कीपालना हेतु यथोचित आदेश व दिशा निर्देश दे प्रार्थी को अनुग्रहित करे <br />
धन्यवाद !<br />
१६/१२/१० <br />
संलग्न ......<br />
१. स्टे माननीय आर ए ए दिनांक ४/५/०६ <br />
२. आदेश दिनांक २६/१०/०७ <br />
३. रिमांड आदेश दिनांक ११/९/०८ <br />
द.<br />
राजेंद्र कुमार पारीक <br />
२७७७ बगरुवालों क़ा रास्ता <br />
जयपुर <br />
नोट :-- यह प्रार्थना पत्र मंडल में कई विभागों में घुमने के बाद २३/१२/१० को दस्ती के साथ आर ए ए भेजा जिस पर अनुसंधान हुआ कार्यवाही शून्य <br />
इसके उपरांत तीसरी बार ६/१/१० कहानी ...............<br />
<br />
सेवामें ,<br />
श्रीमान अध्यक्ष महोदया<br />
राजस्व मंडल अजमेर <br />
विषय :-- न्यायालय के आदेशों की पालना के क्रम में स्मरणपत्र <br />
महोदया <br />
विनम्र निवेदन है कि दिनांक १६/१२/१० को आपके समक्ष प्रार्थनापत्र पेश किया जिसके उपरांत दिनांक २३/१२/१० को विभागीय जाँच शाखा से प्रार्थी को मूल प्रार्थना पत्र लौटाया जिसे प्रार्थी ने माननीय राजस्व अपील अधिकारी महोदय के कार्यालय में प्रस्तुत कर दिया l<br />
प्रार्थी द्वारा आपके यहाँ से प्राप्त पत्र को प्रेषित करने के बाद माननीय राजस्व अपील अधिकारी महोदय के द्वारा प्रार्थी को नियमित नकले दिलवाने में भी टालमटोल कर रहे है स्टे की पालना के लिए आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं करवायी गयी है ! इस प्रकार राजस्व मंडल क़ा आदेश स्वयं में एक मजाक बन कर रह गया ...............<br />
अतः प्रार्थी प्रार्थना पत्र पेश कर निवेदन है कि न्याय हित में यथोचित आदेश व दिशा निर्देश जारी कर अनुग्रहित करे l<br />
धन्यवाद !<br />
६/१/११ <br />
संलग्न ......<br />
आपके आदेश की फोटो प्रति <br />
प्रार्थी <br />
द.<br />
राजेंद्र कुमार पारीक <br />
२७७७ बगरुवालों क़ा रास्ता <br />
जयपुर <br />
नोट :-- इसके उपरांत तीसरी बार ६/१/१० कहानी ............... <br />
यह प्रार्थना पत्र मंडल में कई विभागों में घुमने के बाद मंडल के ही कुछ अधिकारियों ने प्रार्थी को इशारा किया इस प्रकार कोई कार्यवाही नही होने वाली <br />
इसके उपरांत उसी दिन ६/१/१० पुनः प्रार्थना पत्र पेश किया ...............<br />
---------------------------------------------------------------------------------------------------<br />
कहानी इस प्रकार है ...............<br />
-------------------------------------------------------------------------------------------------------<br />
सेवामें ,<br />
श्रीमान अध्यक्ष महोदया<br />
राजस्व मंडल अजमेर <br />
विषय <br />
महोदया <br />
विनम्र निवेदन है कि आज ही आपको प्रार्थना पत्र पेश कर यथोचित आदेश व दिशा निर्देश हेतु निवेदन किया वह पत्र क्रमांक ५६/ ६/१/११ वापस डी आर डी इ में आगया वहाँ बताया जा रहा है कि यहाँ कुछ भी होने वाला नहीं है l<br />
अतः आपसे करवद्ध निवेदन है कि प्रार्थी को आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान कर अनुग्रहित करें l<br />
६/१/११<br />
प्रार्थी <br />
द.<br />
राजेंद्र कुमार पारीक <br />
२७७७ बगरुवालों क़ा रास्ता <br />
जयपुर <br />
नोट :---यह पत्र पेश करने पर कहाँ कि कल देखते है ?<br />
उस समय सवा छह बज चुके थे <br />
--------------------------------------------------------------------------------------------------<br />
सेवामें ,<br />
श्रीमान अध्यक्ष महोदया<br />
राजस्व मंडल अजमेर <br />
विषय :-- न्यायालय के आदेशों की पालना के क्रम में <br />
मान्यवर महोदया <br />
विनम्र निवेदन है कि राजस्व अपील प्राधिकारी महोदय ने प्रार्थी के विधिवत लिखे पत्रों ,आपके आदेश ,उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय ,अपने ही न्यायालय के आदेशों को मानने से न केवल इनकार किया न्यायालय कीप्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुचाया l<br />
प्रार्थी को २ माह तक आदेशों की प्रतीक्षा में उल्झाए रखा जिससे न्यायालय के आदेशो की अवहेलना होने के साथ न्यायालय की प्रतिष्ठा को भी नुकसान हुआ है प्रार्थी के विधिवत पेश किये गये प्रार्थना पत्रों को ही गायब करवा दिया, दिनांक २१/१२/१० को एक प्रार्थना पत्र पेश किया जिसे २० दिन तक रोकें रखा अन्तमें काफी माहोल ख़राब होने के बाद उसकी नकल दी गयी जो २० दिन पहले भी दी जा सकती थी l दिनांक १० /१ /११ को तो प्रार्थनापत्र लेने से ही मना कर दिया l<br />
<br />
अतः प्रार्थी प्रार्थना पत्र पेश कर निवेदन है कि माननीय राजस्व अपील प्राधिकारी महोदय के द्वारा किये गये पद क़ा दुरूपयोग की जाँच करवाकर यथोचित कार्यवाही करवाना आवश्यक है ताकि न्यायालय की प्रतिष्ठा को बनाया रक्खा जा सके l<br />
<br />
संलग्न ......<br />
१.माननीय आर ए ए द्वारा लौटाया गया मूल प्रार्थनापत्र <br />
२.आपके आदेश जिन्हें श्रीमान ने फाइल करवा दिया <br />
३. १६/१२/१० को पेश किया गया प्रार्थना की फोटो प्रति <br />
प्रार्थी <br />
द.<br />
राजेंद्र कुमार पारीक <br />
२७७७ बगरुवालों क़ा रास्ता <br />
जयपुर <br />
-------------------------------------------------------------------------------------------------------<br />
सेवामें ,<br />
श्रीमान अध्यक्ष महोदया<br />
राजस्व मंडल अजमेर <br />
विषय :-- न्यायालय के आदेशों की पालना के क्रम में <br />
मान्यवर महोदया <br />
विनम्र निवेदन है कि राजस्व अपील प्राधिकारी महोदय ने प्रार्थी के विधिवत लिखे पत्रों ,आपके आदेश ,उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय ,अपने ही न्यायालय के आदेशों को मानने से न केवल इनकार किया न्यायालय कीप्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुचाया l<br />
प्रार्थी को २ माह तक आदेशों की प्रतीक्षा में उल्झाए रखा जिससे न्यायालय के आदेशो की अवहेलना होने के साथ न्यायालय की प्रतिष्ठा को भी नुकसान हुआ है प्रार्थी के विधिवत पेश किये गये प्रार्थना पत्रों को ही गायब करवा दिया, दिनांक २१/१२/१० को एक प्रार्थना पत्र पेश किया जिसे २० दिन तक रोकें रखा अन्तमें काफी माहोल ख़राब होने के बाद उसकी नकल दी गयी जो २० दिन पहले भी दी जा सकती थी l दिनांक १० /१ /११ को तो प्रार्थनापत्र लेने से ही मना कर दिया l<br />
<br />
अतः प्रार्थी प्रार्थना पत्र पेश कर निवेदन है कि माननीय राजस्व अपील प्राधिकारी महोदय के द्वारा किये गये पद क़ा दुरूपयोग की जाँच करवाकर यथोचित कार्यवाही करवाना आवश्यक है ताकि न्यायालय की प्रतिष्ठा को बनाया रक्खा जा सके l<br />
<br />
संलग्न ......<br />
१.माननीय आर ए ए द्वारा लौटाया गया मूल प्रार्थनापत्र <br />
२.आपके आदेश जिन्हें श्रीमान ने फाइल करवा दिया <br />
३. १६/१२/१० को पेश किया गया प्रार्थना की फोटो प्रति <br />
प्रार्थी <br />
द.<br />
राजेंद्र कुमार पारीक <br />
२७७७ बगरुवालों क़ा रास्ता <br />
जयपुर <br />
--------------------------------------------------------------------------------------------<br />
सेवामें ,<br />
श्रीमान अध्यक्ष महोदया<br />
राजस्व मंडल अजमेर <br />
विषय :-- न्यायालय के आदेशों की पालना के क्रम में <br />
मान्यवर महोदया <br />
विनम्र निवेदन है कि 16/12/10 से आज तक मैं मंडल कार्यालय में न्यायालय के आदेशों की पालना के लिए भटक रहा हूँ <br />
मंडल कार्यालय से आज तक जो भी आदेश जारी हुए वह स्वयं में ही मजाक बन चुके है <br />
प्रार्थी के सभी प्रार्थनापत्र डीआर डी इ में भिजवाये जाते है जबकि डी आर डी इ क़ा काम स्टे की पालना नहीं होता <br />
मुझे आज किसी से कोई शिकायत नहीं रही आपसे करवद्ध निवेदन है कि स्टे की पालना यदि मंडल से संभव नहीं तो स्पष्ट मना करवानें कस कष्ट करें <br />
आपकी अति कृपा होगी <br />
३१/१/११ <br />
[आज तक किसी भी अधिकारी ने कोई सार्थक आदेश नहीं दिया ]<br />
00000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000<br />
<br />
<br />
<br />
<br />
<br />
<br />
<br />
</div>राजस्व मंडल अजमेरhttp://www.blogger.com/profile/03438554884994995461noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3429304665566625254.post-71362518554908093082011-03-08T07:20:00.000-08:002011-03-08T07:20:01.662-08:0021/2/11.....................संक्षिप्त लिखित बहस<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><br />
<br />
न्यायालय अध्यक्ष अवं माननीय सदस्य गण <br />
राजस्व मंडल अजमेर <br />
प्रकरण राजेंद्र कुमार पारीक बनाम सुशीला देवी व अन्य <br />
विचाराधीन SDO कोर्ट जमवा रामगढ जयपुर <br />
प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 221,212 RTA va 151 CPC <br />
<br />
मान्यवर महोदया <br />
प्रार्थी का प्रकरण में धारा 221 के लिए संक्षिप्त लिखित बहस इस प्रकार है !<br />
<br />
यह कि प्रार्थी ने दिनांक १८ /२/२०११ को एक अन्य स्मरण पत्र अध्यक्ष महोदया माननीया smt मीनाक्षी हूजा जी को व्यक्तिगत उपस्थित हो पेश किया परंन्तु प्रार्थी को कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के कारण आज दिनांक २१ /२/२०११ को दुबारा राजस्व मंडल अजमेर जाना पड़ा l <br />
<br />
यह कि आज माननीय सदस्य आनन्द कुमार जी और रजिस्ट्रार महोदय माननीय आलोक जी द्वारा प्रार्थी के प्रार्थनापत्रो पर कोई संतोषजनक कार्यवाही होने संभावना नहीं लगने के कारण पुनः निवेदन किया कि प्रार्थी के प्रार्थनापत्र धारा 221 RTA में पेश किये है इस बात पर माननीय सदस्य आनन्द कुमार जी ने RTA अंग्रेजी की किताब मंगवा दी प्रार्थी के पास चश्मा नहीं था इसलिए यह पत्र मेल कर रहा हूँ l <br />
<br />
धारा २२१ . राजस्व न्यायालयों की अधीनस्थता --समस्त राजस्व न्यायालयों के ऊपर सामान्य अधीक्षण व नियंत्रण बोर्ड में निहित होगा तथा समस्त न्यायालय उक्त बोर्ड के अधीन होंगे और उक्त अधीक्षण, नियंत्रण क़ा एवं अधीनस्थता के अधीन ------.................<br />
यह कि इस सन्दर्भ दो नजीरें विचारणीय है जो प्रार्थी के प्रकरण पर ठीक बैठती है पहली "राजस्व मंडल अपने अधीनस्थ न्यायालय की डिक्री अथवा आदेश को परिवर्तित अथवा निरस्त कर सकता है . वह उसे उल्ट भी सकता है .[मेहरचंद बनाम राज्य ऑफ़ राजस्थान ,1990-RRD ,13 जगन्नाथ बनाम धापू देवी ,1990 RRD 598]<br />
राजस्व बोर्ड को अपने अधीनस्थ न्यायालयों पर अधीक्षण की शक्तियों के साथ साथ न्यायिक कृत्यों के प्रशासन की शक्तियां प्राप्त हैं l यदि कोई अधीनस्थ राजस्व न्यायालय विधिक प्रावधानों की अवहेलना करता है तो राजस्व बोर्ड उसमें हस्तक्षेप कर सकता है l {सुरेन्द्रपाल सिंह बनाम राजस्व बोर्ड ,राजस्थान ,AIR 1994 SC1439}<br />
अतः प्रार्थी के प्रकरण में उपरोक्त बिन्दुओ पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर प्रार्थी व न्याय हित में यथोचित आदेश व दिशा निर्देश प्रदान करें l <br />
प्रार्थी अपीलार्थी <br />
राजेंद्र कुमार पारीक <br />
२७७७ बगरुवालों क़ा रास्ता <br />
जयपुर<br />
दिनांक २१/२/२०११ टाइम १०.३० पी ऍम </div>राजस्व मंडल अजमेरhttp://www.blogger.com/profile/03438554884994995461noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3429304665566625254.post-1428407746083560182011-03-08T07:12:00.001-08:002011-03-08T07:12:08.058-08:0018/2/2011...............एक प्रार्थना पत्र<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><span style="font-size: small;"><span style="font-family: Mangal;">सेवामें </span><br style="font-family: Mangal;" /> <span style="font-family: Mangal;">श्रीमान अध्यक्ष महोदया</span><br style="font-family: Mangal;" /> <span style="font-family: Mangal;">राजस्व मंडल अजमेर </span><br style="font-family: Mangal;" /> <span style="font-family: Mangal;">विषय :--न्यायालय के आदेशों की पालना के क्रम में की गई कार्यवाही के बारे में जानकारी हेतु </span><br style="font-family: Mangal;" /> <span style="font-family: Mangal;">मान्यवर महोदया </span><br style="font-family: Mangal;" /> <span style="font-family: Mangal;"> निवेदन है कि प्रार्थी ने १६ दिसम्बर २०१० को एक प्रार्थना पत्र पेश किया था उसके बाद इस क्रममें जितने भी पत्र धारा २२१ RTA में पेश किये और उन प्रार्थना पत्रों क़ी जो दुर्दशा हुई वह अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना बन गई !</span><br style="font-family: Mangal;" /> <span style="font-family: Mangal;">न्यायलय अवमानना प्रकरण में दुनियां के सभी देशों में प्राथमिकता से सुने जाते है उन पर तुरन्त कार्यवाही भी होती है ..............<br />
परन्तु प्रार्थी का राजस्व मंडल में न्याय मांगना एक अपराध बन कर रह गया आपसे अब कोई आशा नहीं रही बात ये नहीं है ,विशेष बताई कि मेरी तरह अन्य कोई प्रार्थी इस प्रकार न भटके इसलिए ये प्रार्थना पत्र पेश कर रहा हूँ !<br />
अतः प्रार्थनापत्र पेश कर निवेदन है कि आप द्वारा कृपापूर्ण किये गये प्रयासों और प्रार्थी से प्रार्थनापत्रों में की गई भूलों ,अब तक की गई सभी कार्यवाही की जानकारी यथा शीघ्र करवाने का कष्ट करें !<br />
आपकी अतिकृपा होगी !<br />
18 /2 /2010<br />
प्रार्थी <br />
द. <br />
राजेंद्र कुमार पारीक<br />
२७७७ बगुरुवालों का रास्ता जयपुर <br />
मोबाईल <b>९३१४६२४५४४<br />
<a href="mailto:adv.pareek@gmail.com" target="_blank">adv.pareek@gmail.com</a> </b></span></span></div>राजस्व मंडल अजमेरhttp://www.blogger.com/profile/03438554884994995461noreply@blogger.com3